भूख और सेक्स (SEX)- आज के जीवन की एक कहानी
आदि और अहवा एक पति-पत्नी हैं। आदि एक हिन्दू और अहवा एक मुस्लिम परिवार से हैं। दोनों बहुत पढ़े लिखे नहीं हैं। दोनों ने एक दुसरे से प्रेम विवाह कर लिया था। इसलिए दोनों के पारिवारिक और सामाजिक बहिस्कार के बाद काम की खोज में गांव छोड़कर एक शहर में आ गए और कमाने खाने के लिए एक कंपनी में रोजी रोटी सुरु कर दिया। आदि के दिन भर की कमाई से दो जून की रोज़ी रोटी का इंतज़ाम हो जाता था। रहने क लिए घर के नाम पर एक झुग्गी भर थी। आदि दिन भर मजदूरी करता था और अहवा घर में रहकर खाना बनाती थी, दोनों का जीवन-यापन चल रहा था।
कोरोना की महामारी
ख़तम होने का नाम ही नहीं ले रही है I चारो
तरफ सब कुछ बंद है, सब दुकाने बंद है है I सब
जगह पुलिस की तैनाती है. रोड पर आदमी के दरसन तक नहीं होते हैं। पुलिस सबको लॉक डाउन में रखने का अपना पूरा
प्रयास कर रही है, और ज्यादातर सफल भी है।
आदि बोला :
अहवा बोली:
घर में खाने का कुछ भी नहीं है, पांच दिन तक तो गेहू को पानी में उबालकर उसी को खाकर उसी का
पानी पीकर बीता रहे थे और अब दो दिन से तो घर में कुछ खाने को भी नहीं
है। ये कैसा समय आ गया है सब
बीमारिया हम गरीब लोगो के लिए ही आती है I हमरा इस बीमारी से तो कोई
लेना देना भी नहीं था Iये सब बीमारी अमीर लोग लाते
है और झेलना हम गरीबों को पड़ रहा है I ऐसा बुरा समय आ गया है की
हम अपने गाव् भी नहीं जा सकते हैं?
आदि बोला हां
जा-जा चली जा , जब से शादी करके आये हैं एक बार भी गाव् तो गए नहीं इस समय गांव
जाओगी तो गांव में कोई घुसने
भी नहीं देगा, सुना है इस बीमारी से मरने पर
कोई लगा-सगा पास में भी नहीं आता है, और अभी सच बोलूंगा तो बुरा
मान जाओगी, ये जो तुम्हारे जमाती लोग हैं न ये लोग ही और ही इ कोरोना को फैलाये
है।
अरे तुम तो ये मत बोलो ना ये जमतियो ने फैलाया है, मै मानती हूँ की ये लोगो ने नासमझी
बहुत की है, लेकिन ये बीमारी तो पहले
से ही फ़ैल गयी थी, वो पड़ोस वाली भाभी बोल
रही थी की चीन वाले सब चमगादड़, कुकुर बिच्छू खायके इ रोग दुनिया में जान-भुझ कर
फैलाये दिए हैं। पति - पत्नी के बिच का ये अनबन अक्सर चलता रहता है, लेकिन ऐसा भी नहीं था की
दोनों के बिच हमेशा झगड़ा होता है, वो दोनों एक दूसरे से
बहुत प्यार करते है I
ये सब छोडो आज खाने का क्या होगा ? अगर ऐसा ही चलता रहा तो हम
लोग भूख के मारे ही मर जायेंगे।
बाहर ये सोच कर ही जा रहा था की दुकानदार से बोलूगा की कुछ
खाने का सामान उधर ही दे दो , की पुलिस
वाले ने बिना पूछे ही एक डंडा जड़ दिया, मै
बोला साहब -साहब रुक जाइए साहब क्यों मार रहे हो साहब , वो बोला की तुम्हे पता नहीं लॉक डाउन चल रहा है, पूरा
देश बंद है ,लाक डाउन तुम्हारे स्वस्थ और
सुरक्षा के लिए ही तो हुआ है, भाग यहाँ से नहीं तो मार-मार
के पैर तोड़ दूंगा I और मैं वापस आ गया I
दूसरे दिन आदि को
किसी से पता चला की सरकार गरीबो के लिए मुफ्त में राशन दे रही है, वहा पर जाकर
देखा तो बहुत लम्बी लाइन लगी थी. पूछने पर
पता चला की राशन के लिए राशन कार्ड एंड
आधार कार्ड के बिना कुछ भी नहीं मिलेगा, अब वो सोचने लगा की बिना घर के इस झोपड़े
में राशन कार्ड और आधार कार्ड कैसे मिलेगा. फिर आदि निराश होकर निकल जाता है.
रास्ते में उसे पता चला की एक प्राइमरी स्कूल में भोजन मिल
रहा है, वहा पर जाकर देखा तो उधर भी बहुत
लम्बी लाइन लगी थी , लाइन में इस कड़ी धुप में खड़े - खड़े २-३ घंटे बाद जब
उसका नंबर आया तब तक भोजन ख़तम हो चूका था , हताश और निराश होकर वापस आ ही
रहा था की फिर से पुलिस वाला मिल गया और बोला क्यों रे आज फिर से तुम घूमने लगा
गया, फिर से एक डंडा जड़ दिया I
पति पत्नी दोनो जमीन पर बिछाये बिस्तर पर ही लेटे थे, काफी
देर तक दोनों चुपचाप रहे , इस पर पत्नी ने सोचा - ये मुझसे बात क्यों नहीं कर रहे
हैं.?
फिर उसने ही पहल शुरू
कर दी-
जब से शादी हुई है मेरे घर
वालो ने बात करना ही छोड़ दिए, बोलते हाँ की ये काफिर जाती में शादी की हैI शादी के पांच साल हो गए खुदा ने मेरे कोख में एक बच्चा भी
नहीं दिया I
अपनी इस दुःख भरी बातो को करते हुए पत्नी के आँखों में आंसू
भर गए, और आदि ने पत्नी के दुःख को बहलाने
लिए " दो गज देह की दुरी , कोरोना से दुरी " की प्रतिज्ञा को
तोड़कर उसे अपने बांहो में भर लिआ , और उससे लिपट कर चुप करने का प्रयास करने लगा,
और उसे दूसरे बातो में उलझा कर उसके दुःख बाटते हुए बोला हम पति -पत्नी को अकेले
रहते हुए पांच साल हो गए लेकिन हम लोग इस तरह से एक दूसरे से दिन में कभी चिपके
नहीं हैं. इस तरह की बातो में उसको उलझते हुए समय के आगोस में लेकर कब सेक्स की प्रक्रिया में लीन हो गया उसे पता ही
नहीं चला, वह इसकी चरम सीमा पर पंहुचा ही न था की अचानक दरवाजे के परदे को चीरकर
एक जनाब उसकी झुग्गी में वीडियो
रिकॉर्डिंग करते हुए घुस गए I
पति -पत्नी ने खुद
को कैमरा के सामने देखते ही अवाक् रह गए, उनके नसों का खून सूख़
सा गया। काटो तो खून नहीं की स्थिति हो गयी ।
दोनों फटाफट खड़ा हुए और दोनों पति -पत्नी जब तक अपने आप को
सँभालते तक साहब अपने कैमरा को चालू करके ही खड़े रहे। झोपड़ी की दशा एकदम दर्दनाक
थी, बिस्तर के नाम पर सिर्फ एक कॉटन का
बिछौना , कुछ कपडे तथा खाने के सब खाली बर्तन।
एक भी बर्तन में एक मुट्ठी अनाज न था। मुख्य द्वार पर सिर्फ एक पर्दा
कायम था। जो दरवाजे का काम करता था। आज पांच दिन से जहा पडोसी भी
कोई दरवाजे पर झांकने नहीं आया था , आज ये कौन आ गया।
साहब ने बोला की मै
तो यह जांच के लिए आया हूँ की इस लाक
डाउन में गरीबो के घर में कुछ खाने पिने को है की नहीं. और वो साहब पुरे समय उनके
घर की गरीबी, भूख और नग्न अवस्था की
रिकॉर्डिंग करते रहे।
वो साहब भोजन देने के
आश्वासन के साथ चले गए, फिर से दुबारा ना तो कोई इस घर में अनाज़ देने या पूछने तो आया नहीं I लेकिन उसका वीडियो वायरल जरूर हो गया I
Comments
Post a Comment
If any body have any doubt please let me know