WORLD BICYCLE DAY( 3 JUNE) , BENEFITS OF CYCLING, HISTORY OF BYCYCLE, साइकिल चलाने के फ़ायदे
एक वो दौर था जब घर में साइकिल का होना बड़े सम्मान की बात होती थी, आज जैसे घर -घर में बाइक और कार का चलन है उसी तरह उस दौर में साइकिल का चलन था। हर घर में साइकिल का होना जरूरत बन गयी थी, हर आम और खास आदमी अपने घर में साइकिल रखता ही था। साइकिल को आम आदमी का वाहन भी कहते है । आज के इस भागती- दौड़ती समय में साईकल की उपयोगिता कम जरूर हो गयी है लेकिन खत्म नही हुई है।
भारत में भी साइकिल के पहियों ने आर्थिक तरक्की में अहम भूमिका निभाई। 1947 में आजादी के बाद अगले कई दशक तक देश में साइकिल यातायात व्यवस्था का अनिवार्य हिस्सा रही। 1990 के दशक में जब भारत मे आर्थिक उदारीकरण का पदार्पण हुआ और इसी दौर में भारत मे मोटरसाईकिल का आगमन हुआ। इसी दौर में स्कूटर भी आया और हमारे देश के मध्यम वर्ग में बहुत ज्यादा लोकप्रिय रहा। युवाओ को बाइक ज्यादा पसंद आयी और युवाओं के बीच में बाइक ने अपनी जगह बना ली।
भारत के शहरो में साइकिल का चलन धीरे -धीरे कम होता गया और गावो में भी बाइक्स ने अपने पैर पसारने लगे थे। उस समय राजदूत और बजाज का दौर था जो लोगो के दिलो में छा गया लेकिन बदलते वक्त के साथ यह भी बदलना था और हीरो होंडा देश की धड़कन बन गया। इसके बाद जलवा आया मोटर कार का। ऐसा नही था कि कार का दौर पहले नही था,यह पहले भी था लेकिन मोटरकार केवल अमीरो तक सीमित थी लेकिन समय के पहिया साइकिल के पहिया की तरह ऐसा पलटा कि आज मध्यम वर्ग भी कार रखने की औकात रखने लगा है।
जिसका परिणाम यह हुआ कि आजकल सभी लोग छोटी दुरी के लिए भी बाइक और कार की सवारी करने लग गए, और जिसका दुष्परिणाम यह हुआ की उनका स्वाथ्य तो ख़राब हुआ ही साथ -साथ पर्यावरण प्रदुषण भी बढ़ने लगा।
अब हमें एक बार फिर उसी पुराने दौर में लौटने की जरूरत है, जिससे पर्यावरण के साथ- साथ हम अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रख सके। वैसे तो आजकल शहरों में जिम का व्यवसाय बढे है जिसमे साइकिलिंग करने लोग जाते है।
जिम में जाने वाले लोगो की संख्या बहुत काम है क्यूँकि लोगो के पास समयाभाव है, इसलिए जरूरी नहीं है कि हम साइकिल चलाने के लिए अलग से समय निकालें। हम चाहें तो अपने रोजाना के कामों को पूरा करने के लिए ही साइकिल चला सकते हैं। ये छोटी सी कोशिश हम सभी को व्यायाम जितना फायदा पहुंचाएगी। हम चाहें तो सुबह दूध लाने से लेकर सब्जी लाने तक के छोटे- मोटे काम के लिए साइकिल चलाकर दुकान तक जा सकते हैं। प्रत्येक दिन कुछ मिनट साइकिल चलाकर ही हम अपने शरीर को स्वस्थ्य रख सकते हैं। इसके अलावा भी साइकिल चलाने के बहुत सारे अन्य फायदे हैं:
स्वास्थ्य लाभ- HEALTH BENEFIT
- रोज साइकिल चलाने से शरीर के प्रतिरोधी तंत्र को मजबूत बनाकर हमारे शरीर को स्टैमिना प्रदान करता है। इससे शरीर में ऊर्जा और ताकत बनी रहती है शरीर तरोताजा रहता है। शरीर स्वस्थ रहने से रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है। ये हमारे पैर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
- साइकिलिंग एक एरोबिक व्यायाम है, जिसके कई फायदे हैं। इस गतिविधि से सिरोटोनिन, डोपामाइन और फेनिलइथिलामीन जैसे रसायनों का दिमाग में उत्पादन बढ़ता है, जिससे आप खुशी महसूस करते हैं और तनाव दूर होता है. - लगातार साइकिल चलाना घुटने और जोड़ों के दर्द से परेशान लोगों को आराम पहुंचाता है
- एक अध्ययन का दावा है कि सीढ़ियां चढ़ने-उतरने, साइकिल चलाने या टहलने से जिंदगी को लंबा करने में मदद मिल सकती है।
- शोधकर्ताओं के अनुसार, कार्यस्थल पर लंबे समय तक बैठकर काम करने से मोटापा, हृदय रोग और डायबिटीज के साथ ही कैंसर का भी खतरा बढ़ सकता है। अगर आप फिट और आकर्षक दिखने की चाहत में सटीक एक्सरसाइज की तलाश कर रहें हैं तो साइकिलिंग आपके लिए अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
- वजन घटाने से लेकर मसल्स बनाने तक साइकिलिंग आपके लिए बहुत फायदेमंद होती है। साथ ही यह पूरे शरीर को मजबूत बनाती है। इससे फेफड़े अच्छी प्रकार से काम करने लगते हैं, पैरों की मांसपेशियां मजबूत बनती है और मोटापा भी कम होता है।
- साइकिल चलाने से दिल के लिए बहुत फायदेमंद होती है। रोज साइकिल चलाने से दिल की पर्याप्त व्यायाम होता है धड़कनें बढ़ती हैं और रक्त का प्रवाह ठीक होता है। इससे दिल से जुड़े रोगों का सम्भावना कम होती है।
- हाल में हुई एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि रेगुलर साइकिल चलाने वालों में कैंसर की संभावना 46 प्रतिशत तक कम हो जाती है। शोधकर्ताओं का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति नियमित रूप से साइकिल चलाता है, तो कैंसर का आधा खतरा टल जाता है।
- मधुमेह के रोगियों को भी साइकिल चलाने से काफी आराम मिलता है। लेकिन मधुमेह के रोगी ध्यान रखें कि यह सब करने से पहले अपने डॉक्टर से एक बार सलाह जरूर लें , क्यूंकि इसके साथ उन्हें कुछ विशेष आहार लेने होते हैं।
- साइकिल चलाने से पैरों की अच्छी एक्सरसाइज हो जाती है और इससे पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। मसल्स बनाने के लिए साइकिलिंग पुश अप्स के समान ही काम करता है।
- साइकिलिंग वजन घटाने में काफी मददगार है। कई शोधों में अब यह साबित हो चुका है कि नियमित रूप से साइकिलिंग जैसी एक्सरसाइज करने से शरीर में कैलोरी और फैट कम होता है जिससे शरीर चुस्त -दुरुस्त रहता है और वजन को भी नियंत्रित करने में मदद मिलती है ।
- साइकिलिंग फेफड़ों को मजबूती देता है इसको करते समय आप सामान्य की तुलना में गहरी सांसें लेते हैं और ज्यादा मात्रा में ऑक्सीजन लेते हैं। जिसके कारण शरीर में खून का संचार भी बढ़ जाता है, साथ ही फेफड़ों के अंदर तेजी से हवा अंदर और बाहर होती है। जि ससे फेफड़ों की कार्य क्षमता में भी सुधार होता है और फेफड़ों में मजबूती आती है।
- रोजाना साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम मजबूत बनता है।
- नियमित रूप से साइकिल चलाने वालों को अवसाद की शिकायत होने की आशंका बहुत कम होती है।
- साइकिलिंग ही एक ऐसी एक्सरसाइज है जिसमें शरीर की हर मसल का मूवमेंट होता है। इससे ओवरऑल फिटनेस हासिल की जा सकती है। इसके साथ ही साइकिलिंग करके डायबिटीज और दिल की बीमारी से भी बचा जा सकता है। साइकिलिंग से चर्बी घटती है और खून का बहाव तेज होता है।
- पर्यावरण की सुरक्षा हम सब की अहम् जिम्मेदारी है , बढ़ते वायु प्रदुषण , दूषित होते जल और हुए वन और जंगक के कारन आज पृथ्वी पर सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। जिसकी वजह से कितनी बीमारिया लगातार बढ़ रही हैं।
- पेट्रोल और डीज़ल से चलने वाले वाहनों की वजह से दुनिया मे प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ रहा है।
- पेट्रोल-डीजल पर निर्भरता कम होगी।
- वाहनों के काले धुएं से निजात मिलेगी।
- प्रदूषण के स्तर में कमी आएगी।
- साइकिल चलाने से पर्यावरण की रक्षा तो की ही जा सकती है। साथ ही अनेक बीमारियों से भी बचा जा सकता है।
- हम सभी को रोजमर्रा के 5 किमी तक के सभी कामों के लिए साइकिल का उपयोग करना चाहिए।
आर्थिक लाभ - ECONOMIC BENEFIT
- साइकिल चलाने के लिए पेट्रोल और डीज़ल की आवश्यकता नही है केवल पैरो की आवश्यकता है तो दोस्तो साइकिल चलाइये और पर्यावरण को बचाइये और साथ ही साथ कसरत भी हो जाएगी।
- द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) के अध्ययन “भारत में साइकलिंग के फायदे: आर्थिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक मूल्यांकन’ में अनुमान जताया गया है कि छोटी दूरी के सफर के लिए (साइकिल से काम पर जाने से)अगर बाइक या कार की बजाय साइकिल का इस्तेमाल किया जाए तो इससे सालाना 1800 अरब रुपये का का फायदा हो सकता है।
- सेहत सही रहेगी तो दवा के पैसे बचेंगे।
- कम दूरी के लिए सुविधाजनक सवारी, ना सवारी का इंतजार ना समय की बरबादी।
- शहरों में जाम की समस्या कम होगी।
- निम्न आयवर्ग के लोगों के लिए सस्ता ट्रांसपोर्ट साधन।
- सबसे टिकाऊ ट्रांसपोर्ट साधन।
BICYCLE का इतिहास
साइकिल का विकास चक्र |
- साइकिल का आविष्कार स्कॉटलैंड का रहने वाला एक किर्कपैट्रिक मैकमिलन (Kirkpatrick Macmillan) नाम के एक लुहार ने किया था।
- सबसे पहले बनाई गई साइकिल लकड़ी की बनाई गई थी। इस साइकिल को हॉबी हॉर्स कहा जाता था लेकिन यह साइकिल चलाने में बहुत मेहनत लगानी पड़ती थी, जिससे इसको चलाने पर थकावट होती थी।
- पेडल से घुमाये जाने वाले पहिये का आविष्कार 1865 ई. में पेरिस में हुआ था। इस अविष्कारक का नाम Lallement था। इस पहिये को वेलोसिपीड कहा गया। अपने समय मे यह बहुत ज्यादा लोकप्रिय हुआ आगे चलकर इसमे काफी सुधार किया गया और लोहे के पहिये लगाए गए जिससे कम मेहनत लगती थी। इसमे आगे का पहिया बड़ा और पीछे का छोटा था और इसमे ब्रेक भी दिया गया था।
- साइकिल भारत मे भी काफी पसंद की जाती थी और सभी वर्ग के लोग अपने रोजमर्रा के आवाजाही के काम में साइकिल का ही प्रयोग करते थे। यह मुख्य व्यापारिक और व्यक्तिगत साधन थी जो प्रत्येक क्षेत्र में इस्तेमाल होती थी। घर घर जाकर दूध बेचने वाले और डाकिये का तो यह मुख्य साधन थी। लोग 80-100 किमी तक का सफर साइकिल से एक दिन में कर लेते थे।
- आज भी कूरियर बाटने वाले इसका इस्तेमाल करते है।
- साइक्लिंग रेस भी दुनिया मे अब काफी लोकप्रिय है।
साइकिल के बारे में कुछ रोचक तथ्य Interesting Facts about Bicycle–
- आज के इस कारोना काल में भी इस साइकिल ने गरीब आदमी का बहुत साथ दिया। शहरों के नजदीक रहने वाले मजदूर तो साइकिल से ही अपने अपने गांव चले गए।
- बिहार की एक 15 साल की बेटी ज्योति ने तो गुरुग्राम जो पहले गुड़गांव के नाम से जाना जाता था, से अपने बीमार पिता को साइकिल से लेकर बिहार तक 1200 किमी चली गई।
- आकाश ओसवाल और नवीन गौतम ने कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक साइकिल यात्रा की है।
- आजकल दुकानों में साइकिल की मांग बढ़ रही है।
- आजकल विश्व बाजार में 3 लाख 32 हजार और भारत में 1 लाख 35 हज़ार तक की साइकिल उपलब्ध हैं।
- आजकल विश्व में और भारत में भी साइकिलिंग से सम्बंधित बहुत से प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं।
साइकिल रेस - दुनिया मे प्रत्येक वर्ष 10 करोड़ से भी ज्यादा साइकिल बनाई और बेची जाती है।
- चीन में सबसे ज्यादा साइकिल (Bicycle) इस्तेमाल होती है और अपना भारत नम्बर 2 पर आता है।
- एक कार की जगह पर 15 साइकिल खड़ी की जा सकती हैं।
- नीदरलैंड में साइक्लिंग बहुत लोकप्रिय है।
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